रौनक सिंह

Raunaq Singh Biography in Hindi

जन्म: 1922

संस्थापक: रौनक समूह, अपोलो टायर्स लिमिटेड, भारत गियर्स लिमिटेड, भारत स्टील ट्यूब्स लिमिटेड, रौनक इंटरनेशनल लिमिटेड, मेनारिणी रौनक फार्मा लिमिटेड और रौनक मोटर आदि के संस्थापक

रौनक सिंह एक प्रसिद्द भारतीय उद्योगपति और रौनक समूह के संस्थापक थे। विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आने के बाद उनको बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और लगन से एक सफल समूह की स्थापना की। विभाजन से पहले रौनक सिंह का लाहौर में स्टील पाइप्स का व्यवसाय था।  विभाजन के बाद वह 13 अन्य लोगों के साथ दिल्ली के गोल मार्केट में एक ही कमरे में रहा करते थे। दिल्ली में उन्होंने एक मसाले की दुकान ‘मुनिलाल बजाज एंड कंपनी’ में जीविका के लिए नौकरी की और उसके बाद अपनी पत्नी के गहने दिल्ली की चांदनी चौक में लगभग 8000 रूपए में बेचकर कोलकाता चले गए।

raunaq singh
स्रोत: www.iloveindia.com

कोलकाता  जाकर उन्होंने मसाले का व्यापार किया परन्तु बाद में “भारत स्टील पाइप्स” की स्थापना की।

रौनक समूह की प्रमुख कंपनियां हैं अपोलो टायर्स लिमिटेड, भारत स्टील ट्यूब्स लिमिटेड, भारत गियर्स लिमिटेड, मेनारिणी रौनक फार्मा लिमिटेड , रौनक इंटरनेशनल लिमिटेड और रौनक सिंह की रौनक मोटर वाहन| अप्पोलो टायर्स आज भारत के अग्रणी टायर निर्माताओं में से एक है। कंपनी की शुरुआत सन 1975 में छोटे स्तर से हुई जब उन्हें केरल सरकार से टायर बनाने का लाइसेंस मिला।

इसके बाद अपने अथक परिश्रम से उन्होंने धीरे-धीरे एक के बाद एक सफल उद्यम स्थापित किया। रौनक के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब वह दो वक़्त की रोटी भी मुश्किल से जुटा पाते थे और उनके मृत्यु के समय उनके कंपनी समूह में लगभग 9000 कर्मचारी कार्य कर रहे थे।

रौनक सिंह आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के एक बड़े समर्थक थे क्योंकि वह मानते थे की भारत विश्व के अन्य देशों के साथ तभी मुकाबला कर सकता है जब हमारे पास भी बड़े बाजार और उच्च तकनीक हो और यह उदारीकरण और वैश्वीकरण से ही संभव हो सकता था।

भारतीय उद्योगों को दुनिया के नक्से पर लाने के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया। रौनक ने उद्योग और तमाम व्यापार संघों में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया। उनमे से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं : फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के अध्यक्ष, द एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) के अध्यक्ष, इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (EEPC) के अध्यक्ष, ऑटोमोटिव टायर्स मैन्युफ़ैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और फेडरेशन ऑफ़ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाईजेशन के अध्यक्ष।

देश के आर्थिक और औद्योगिक विकास में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। रौनक सिंह ने निर्यात को बढ़ाने के दिशा में भी कार्य किया।  निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उनके झुकाव के कारण उन्हें “मिस्टर एक्सपोर्टर” भी कहा जाता था। आर्थिक और उद्योग जगत में उनके योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली और उन्हें तीन साल की अवधि के लिए पेरिस इंटरनेशनल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के कार्यकारी बोर्ड के एक सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया।

रौनक सिंह ने अपने बेटे, कंवर ओंकार सिंह को अपना उत्तराधिकारी बनाया।  उनके मृत्यु के समय रौनक ग्रुप का कुल टर्नओवर लगभग Rs.2,700 करोड़ था।