वाई. सी. देवेश्‍वर

Y.C Deveshwar Biography in Hindi

जन्म: 4 फ़रवरी 1947, लाहौर

मृत्यु: 11 मई 2019, गुरुग्राम

व्यवसाय/पद/कार्य:  आईटीसी के चेयरमैन

योगेश चंद्र देवेश्वर प्रसिद्द कंपनी आईटीसी के अध्यक्ष थे। अपने चार दशकों से अधिक कार्यकाल में उन्होंने आईटीसी के उत्पादों का विस्तार कई नए क्षेत्रों में किया। देवेश्वर आईटीसी में ऐसे समय पर शामिल हुए जब कंपनी अपने व्यापार में विविधता लाने की कोशिश कर रही थी पर इस दिशा में किये गए लगभग सारे प्रयोग फेल हो चुके थे। इससे साख के साथ-साथ कंपनी को पैसे का भी काफी नुक्सान हुआ था। ठीक इसी समय कंपनी के कुछ वरिष्ठ अधिकारी विदेशी मुद्रा विनिमय अनियमितता के मामले में भी फंसे हुए थे और जांच के घेरे में भी थे। कुल मिलाकर देवेश्वर को काँटों का ताज मिला था, परन्तु वे अपनी कुशाग्रता, परिश्रम और दूरदर्शिता से कंपनी को सफलता के नयी उंचाईयों पर ले गए और अनेक क्षेत्रों में विस्तार भी किया। उन्होंने आईटीसी, जो अबतक मुख्यतः तम्बाखू का कारोबार करती थी, का विस्तार कृषि, एफएमसीजी, ऑयटी और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में किया। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार ने ‘पद्म भूषण से सम्मानित किया।

वाई. सी. देवेश्‍वर
स्रोत: http://www.itcportal.com/sustainability/sustainability-report-2006/html/chairman-statement.aspx

प्रारंभिक जीवन

योगेश चंद्र देवेश्वर का जन्म 4 फ़रवरी 1947 को ब्रिटिश इंडिया के लाहौर शहर में हुआ था। उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली, से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी. टेक की डिग्री वर्ष 1968 में प्राप्त किया। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, मैसाचुसेट्स, से एएमपी डिप्लोमा प्राप्त किया और संयुक्त राज्य अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय से होटेलिएरिंग और सेवाओं में उन्नत प्रशिक्षण पर एक कोर्स भी किया।

कैरियर

देवेश्वर सन 1968 में इंडियन टोबैको कंपनी (ऑयटीसी) में एक मंगगेमेंट ट्रेनी के तौर पर शामिल हो गए। वर्ष 1972 में उन्हें कोलकाता में कंपनी मुख्यालय का MBO सलाहकार बनाया गया। 1974 में उन्होंने आईटीसी के चेन्नई स्थित पैकेजिंग और मुद्रण संयंत्र में कारखाना प्रबंधक के रूप में पदभार संभाला। वर्ष 1984 में उन्हें ऑयटीसी में एक निदेशक बनाया गया और 1996 के बाद से वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईटीसी फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में सेवारत थे। साल 2004 में, आईटीसी, ग्लोबल रिपोर्टिंग पहल के दिशा निर्देशों के अनुसार, सस्टेनिबिलिटी रिपोर्ट पेश करने वाला पहला भारतीय संगठन बन गया। वाईसी देवेश्वर के नेतृत्व में आईटीसी ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा संयुक्त रूप से दिया ‘विश्व व्यापार पुरस्कार’, इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) और इंटरनेशनल बिजनेस लीडर्स फोरम (IBLF) पुरस्कार जीता। आईटीसी का ‘ई-चौपाल’, जो भारत में किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक डिजिटल मंच है, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। सन 2005 में इस योजना ने बीजिंग में ‘डेवलपमेंट गेटवे अवार्ड’ जीता|

वाईसी देवेश्वर आईटीसी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवारत अध्यक्ष थे। वर्ष 1991 में उन्हें एयर इंडिया का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक चुना गया था। इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया और सफल रहे। वो इंडियन एयरलाइंस, अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और एयर मॉरीशस लिमिटेड के बोर्ड के सदस्य भी थे।

वाईसी देवेश्वर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष भी थे। वह इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के  बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और भारतीय प्रबंधन संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी थे।

आईटीसी में योगदान

वाईसी देवेश्वर के कार्यकाल के दौरान, आईटीसी 5,000 करोड़ से बढ़कर 27,000 करोड़ रुपये की कंपनी बन गयी। कंपनी का मुनाफा 260 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 4000 करोड़ रुपए हो गया।

आईटीसी को संकट से निकलने के साथ-साथ, देवेश्वर ने कंपनी का व्यवसाय तम्बाकू के अलावा अन्य क्षेत्रों में बढ़ाया। इस बात से सबसे बड़ा फायदा ये हुआ की तंबाकू व्यवसाय से कंपनी की निर्भरता कम हुई। लोगों में अत्यधिक जागरूकता, व्यवसाय प्रतिबंधक दिशा निर्देशों और धूम्रपान विरोधी अभियानों के मद्देनजर, तम्बाकू व्यवसाय अत्यधिक मुश्किल होता जा रहा था ऐसे में देवेश्वर ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए उत्पादों का विस्तार किया। उन्होंने होटल, कागज़ और एफएमसीजी व्यवसाय को और आगे बढ़ाया और ‘विल्स’ ब्रांड को दूसरे क्षेत्रों में भी प्रसारित किया। देवेश्वर ने मणिपाल में ‘द वेलकम ग्रुप ऑफ़ होटेल एडमिनिस्ट्रेशन’ की स्थापना के लिए पहल की। 1986 में उन्हें उद्योग जगत में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘बेस्ट होटेलिएर ऑफ़ द इयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

निधन

वाईसी देवेश्वर  की मृत्यु 11 मई 2019 को कोलकाता में हो गयी.  उनके निधन के समय मृत्यु का तत्काल कारण नहीं बताया गया, पर यह ज्ञात था कि वे कुछ साल से कैंसर से पीड़ित थे.

सम्मान और पुरस्कार

  • ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा मानद फैलोशिप
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के द्वारा ‘अलुमिनी अवार्ड’
  • ‘मार्केटिंग मैन ऑफ़ द इयर’, 1994 पुरस्कार
  • अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा साल 2001 में ‘मेनेजर एन्त्रेप्रेनेउर ऑफ़ द इयर’ पुरस्कार
  • यूके ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट ने उन्हें साल 2006 में ‘बिज़नस पर्सन ऑफ़ द इयर’ चुना
  • भारतीय विज्ञान कांग्रेस के ‘हॉल ऑफ़ प्राइड’ में 2006 में शामिल किया गया
  • लक्ष्य बिजनेस विजनरी अवॉर्ड, 2006
  • वर्ष 2007 में ‘सस्तेनिबिलिटी लीडरशिप अवार्ड’
  • 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण
  • आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन ने वर्ष 2012 में उन्हें ‘बिज़नस लीडर ऑफ़ द इयर’ का सम्मान दिया
  • 2013 में ‘हार्वर्ड बिज़नस रिव्यु’ ने उन्हें ‘बेस्ट परफोर्मिंग सीइओ इन इंडिया’ चुना और ‘बेस्ट परफोर्मिंग सीइओज इन द वर्ल्ड’ की सूची में सातवें स्थान पर रखा

टाइमलाइन (जीवन घटनाक्रम)

  • 1947: 4 फरवरी को लाहौर में पैदा हुए
  • 1968: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल 1972: कोलकाता में कंपनी का MBO सलाहकार बनाया गया
  • 1974: आईटीसी की चेन्नई स्थित पैकेजिंग और मुद्रण संयंत्र में कारखाना प्रबंधक बनाया गया
  • 1984: आईटीसी लिमिटेड के बोर्ड में निदेशक के रूप में नियुक्ति
  • 1986: ‘वर्ष का सर्वश्रेष्ठ होटल मालिक’ से सम्मानित
  • 1991: एयर इंडिया का अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बनाया गया
  • 1996: आईटीसी फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष बने
  • 2011: वाईसी देवेश्वर को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया
  • 2012: वाईसी देवेश्वर बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर बने
  • 2006: उन्हें बिजनेस पर्सन ऑफ द ईयर का सम्मान मिला