जन्म: 11 जून 1948, फुलवरिया, बिहार
कार्य क्षेत्र: राजनेता, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केन्द्रीय रेल मंत्री
लालू प्रसाद यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने सन 2004 से सन 2009 तक केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मन्त्री का कार्यभार भी संभाला था। लालू प्रसाद यादव का व्यक्तित्व और बोलने के चुटकीले तरीके ने उन्हें भारत में बहुत लोकप्रिय बनाया है। वे न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश की एक महत्वपूर्ण राजनैतिक शख्सियत हैं। वे छात्र नेता भी रह चुके हैं। उनकी सहज नेतृत्व क्षमता और अद्भुत राजनैतिक समझ ने उन्हें बिहार की सबसे चहेती राजनैतिक हस्ती बना दिया। लालू प्रसाद सात वर्ष तक बिहार के मुख्य मंत्री रहे। सर्वाधिक समय तक किसी राजनैतिक दल के अध्यक्ष बने रहने के लिए उन का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। रेल मंत्री के रूप में उन्हें भारतीय रेल के प्रबंधन और प्रशासन को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए जाना जाता है।
लालू प्रसाद यादव का नाम चारा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मामलों में भी आया। उन्हें बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने 3 अक्टूबर 2013 को पांच साल कारावास की सजा सुनाई और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी। वे दो महीने तक जेल में रहे जिसके बाद 13 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।
प्रारंभिक जीवन
लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1948 बिहार के गोपालगंज में में फुलवरिया गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन के माता-पिता का नाम मराछिया देवी और कुंदन राय था। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गोपालगंज से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए पटना चले गए। पटना के बीएन कॉलेज से इन्होंने लॉ में स्नातक तथा राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। वे कॉलेज के समय से ही छात्र राजनीति में काफी सक्रीय थे। यहीं से उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में प्रवेश किया और जैसा की कहा जाता है बाकी एक इतिहास है। 1 जून 1973 को उनका विवाह राबड़ी देवी से हो गया। उन दोनों के दो बेटे और सात बेटियां हैं।
राजनितिक जीवन
लालू प्रसाद यादव ने छात्र राजनीति में बहुत सक्रीय थे और सन 1970 में पटना विश्व विद्यालय के छात्र संघ के महासचिव चुने गए। वे जय प्रकाश नारायण, राज नरेन, कर्पूरी ठाकुर और सत्येन्द्र नारायण सिन्हा जैसे नेताओं से बहुत प्रभावित थे। सत्येन्द्र नारायण सिन्हा, जो बिहार के भूतपूर्व मुख्य मंत्री और बिहार स्टेट जनता पार्टी के अध्यक्ष थे, के सहयोग से लालू प्रसाद यादव ने लोक सभा चुनाव लड़ा। लालू प्रसाद ने चुनाव जीता और भारतीय संसद में सबसे युवा सदस्य में से एक बन गए। सिर्फ दस वर्षो के अंदर लालू प्रसाद यादव बिहार की राजनीति में एक शक्तिशाली शख्सियत बन गए और भूतपूर्व मुख्य मंत्री राम सुन्दर दास को हरा कर वे बिहार के मुख्य मंत्री चुने गए। जनता दल से असामंजस्य होने के कारण 1997 में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल नाम से एक अलग राजनैतिक दल का गठन किया। सात साल तक वे बिहार के मुख्यमंत्री रहे और ‘चारा घोटाले’ में गिरफ्तारी तय हो जाने के बाद लालू ने मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमन्त्री बना दिया।
उन्होंने छपरा और मधेपुरा से लोक सभा का चुनाव जीता और यूपीए सरकार में केन्द्रीय रेल मंत्री का पद संभाला। लालू प्रसाद यादव ने घाटे में चल रही रेलवे को एक फायदेमंद संगठन बना दिया। लालू द्वारा लाया गया रेल का यह परिवर्तन भारत के प्रमुख प्रबन्धन संस्थानों के साथ-साथ दुनिया भर के बिजनेस स्कूलों में एक शोध का विषय बन गया।
सन 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी हारकर सत्ता से बाहर हो गयी और सन 2009 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी के केवल चार सांसद ही जीत सके और लालू को केन्द्र सरकार में कोई जगह नहीं मिल पायी।
सन 2005 से लेकर अभी तक उनकी पार्टी राज्य में सत्ता से बाहर है। उनके राजनैतिक प्रतिद्वंदी नितीश कुमार ने बी.जे.पी. के सस्थ मिलकर दो सरकारों का नेतृत्व किया। जब नितीश कुमार एन.डी.ए. से अलग हो गए तब एक समय के प्रतिद्वंदी लालू और नितीश ने एक द्दोसरे से हाथ मिलाया।
लालू प्रसाद यादव अपने प्रदेश बिहार में काफी लोकप्रिय हैं और स्थानीय लेखकों ने उन पर कई किताबें भी लिखी है। वे टेलीविज़न पर आने वाले मनोरंजक कार्यक्रमो का हमेशा से हिस्सा रहे है। तम्बाकू से ले कर चॉकलेट और गुड़िया से ले कर प्रसाधन सामग्री तक, प्रत्येक उत्पादनों ने उन की नक़ल उतार कर या उन के नाम का उपयोग कर के बाज़ार में अपनी जगह बनाई थी। सन 2004 में “पदमश्री लालू प्रसाद यादव” नाम से एक फिल्म भी बनी थी।
रेल मंत्री के तौर पर
जब लालू रेल मंत्री थे तब भारतीय रेल घाटे से निकल कर मुनाफे की ओर लौट आई। रेलवे की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के कारण कई मैनेजमेंट स्कूलों ने लालू प्रसाद के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें हार्वर्ड, व्हार्टन और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के सैकड़ों विद्यार्थियों को सम्बोधत करने के लिए आमंत्रित किया। रेलवे के इस उपलब्धि का अवलोकन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद के विद्यार्थियो द्वारा भी किया गया।
टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)
1948: लालू प्रसाद यादव का जन्म हुआ
1977: लालू प्रसाद ने लोक सभा चुनाव जीता
1989: राज्य विधान सभा में विपक्ष के नेता चुने गए
1990: बिहार के मुख्य मंत्री बने
1990:23 सितम्बर को आडवानी को रथयात्रा के दौरान गिरफ्तार करने का आदेश दिया
1996: एक बड़े घोटाले (चारा घोटाला) का आरोप लगा
1997: राष्ट्रीय जनता दल की स्थापना की
1997: मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया
2004: केन्द्रीय रेल मंत्री बने
2009: लोक सभा चुनाव जीता
2013: चारा घोटाले में न्यायालय ने 3 अक्टूबर 2013 को पांच साल कारावास की सजा सुनाई और पच्चीस लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।